राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था और सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों पर नकेल कसने के लिए दिसंबर की शुरुआत में एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसके तहत 24 हजार से अधिक लोगों के चालान काटे गए. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान का मकसद सिर्फ जुर्माना वसूलना नहीं, बल्कि सड़क पर अनुशासन कायम करना और लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के प्रति जागरूक करना है.
दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर शुरू किए गए इस अभियान को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया. ट्रैफिक पुलिस ने स्थानीय थानों और पीसीआर टीमों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई की. खास तौर पर ऐसे वाहन चालकों को निशाने पर रखा गया जो बार-बार नियम तोड़ते हैं और दूसरों की जान को खतरे में डालते हैं. पुलिस की रणनीति यह थी कि नियम तोड़ने वालों को मौके पर ही पकड़ा जाए, ताकि वे किसी तरह बचकर न निकल सकें.
इस अभियान के दौरान भीड़भाड़ वाले और संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान दिया गया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शहर के उन चौराहों, बाजार क्षेत्रों और प्रमुख सड़कों को प्राथमिकता दी गई, जहां से ट्रैफिक उल्लंघन और दुर्घटनाओं की सबसे ज्यादा शिकायतें आती रही हैं. इन स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई और प्रवेश व निकास मार्गों पर सख्त निगरानी रखी गई. इससे नियम तोड़ने वालों के लिए रास्ता बदलकर निकलना भी मुश्किल हो गया.
विशेष अभियान के दौरान आम तौर पर होने वाले उल्लंघनों पर खास फोकस रखा गया. बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने वालों, तीन सवारी बैठाने, शराब के नशे में गाड़ी चलाने, गलत दिशा में वाहन चलाने, रेड लाइट जंप करने और ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने जैसे मामलों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. पुलिस के अनुसार, इन सभी श्रेणियों को मिलाकर 24 हजार से अधिक वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया गया. इनमें बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी, जो पहले भी नियम तोड़ चुके थे.
पुलिस ने केवल चालान तक ही कार्रवाई सीमित नहीं रखी, बल्कि गंभीर मामलों में सख्त कदम भी उठाए. अभियान के दौरान नियमों का गंभीर उल्लंघन करने वाले 144 वाहनों को जब्त किया गया. जांच में कुछ वाहन चोरी के पाए गए, जबकि एक मामले में वाहन से नशीला पदार्थ बरामद होने पर संबंधित थाने में केस दर्ज किया गया. इससे यह भी साफ हुआ कि ट्रैफिक चेकिंग के दौरान अन्य आपराधिक गतिविधियों का भी खुलासा हो सकता है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस सघन अभियान को आम लोगों का व्यापक समर्थन मिला है. नियमों का पालन करने वाले नागरिकों ने पुलिस की इस कार्रवाई को जरूरी और समय की मांग बताया है. लोगों का मानना है कि यदि इस तरह की सख्ती नियमित रूप से जारी रही, तो सड़कों पर अनुशासन बनेगा और हादसों में कमी आएगी.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का भी मानना है कि ऐसे विशेष अभियानों से लोगों में डर नहीं, बल्कि जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सड़क सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक को इसमें सहयोग करना होगा. हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, रेड लाइट का पालन करना और मोबाइल फोन से दूरी रखना जैसे छोटे-छोटे कदम बड़ी दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं.
फिलहाल ट्रैफिक पुलिस ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में भी इस तरह के अभियान जारी रहेंगे. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती और बढ़ाई जाएगी, ताकि राजधानी की सड़कों को सुरक्षित, सुगम और अनुशासित बनाया जा सके.