मुंबई, 13 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह बिहार के कुछ वोटर्स के साथ चाय पीते नजर आ रहे हैं। राहुल का कहना है कि वीडियो में मौजूद लोग वोटर लिस्ट में मृत घोषित कर दिए गए हैं। X पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि जिंदगी में कई अनुभव हुए, लेकिन ‘मरे हुए लोगों’ के साथ चाय पीने का मौका पहली बार मिला। उन्होंने चुनाव आयोग का तंज कसते हुए इस अनुभव के लिए धन्यवाद भी दिया। वीडियो में राहुल गांधी इन लोगों से कहते हैं कि सुना है आप लोग जिंदा हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने आपको ‘मार’ दिया है। इस पर एक व्यक्ति बताता है कि उन्हें यह बात वोटर लिस्ट से पता चली। वहीं, एक अन्य व्यक्ति का दावा है कि सिर्फ एक पंचायत में ऐसे करीब 50 मामले हैं। आरजेडी नेता संजय यादव ने भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के क्षेत्र में कई जीवित लोगों को मृत दिखाया गया है। कुछ लोग अपने वोट के अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए और घंटों खड़े होकर लड़ाई लड़ी, लेकिन चुनाव आयोग से कोई जवाब नहीं मिला।
दरअसल, बिहार में मतदाता सूची में सुधार के लिए निर्वाचन आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके तहत मृत, स्थानांतरित या डुप्लीकेट वोटर कार्ड धारकों के नाम हटाने का काम किया जा रहा है। लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी हुई है और कई वैध मतदाताओं के नाम भी सूची से हटा दिए गए हैं। ड्राफ्ट सूची पर दावा और आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तारीख 8 अगस्त तय थी, लेकिन निर्वाचन आयोग का कहना है कि राजनीतिक दल सिर्फ आरोप लगा रहे हैं, औपचारिक रूप से कोई आपत्ति दर्ज नहीं कर रहे। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, आरजेडी के 47,506 बीएलओ हैं, लेकिन एक भी आपत्ति नहीं आई। कांग्रेस के 17,549 बीएलओ में से भी किसी ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई। यही स्थिति माले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य दलों की है। इस बीच, राजद सांसद मनोज झा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत 11 लोगों ने SIR के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।