मुंबई, 19 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि जलाई गई चादर पर कुरान की आयत नहीं थी। आयत को लेकर अफवाह फैलाई गई। उन्होंने कहा कि पुलिस और मेरे बयान में फर्क नहीं है। जानबूझकर हिंसा फैलाई गई। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस पर हमला करने वाले बचेंगे नहीं। जो कब्र में छिपे हैं तो कब्र से निकालेंगे। वहीं, नागपुर में औरंगजेब का पुतला जलाने पर 17 मार्च को हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले में पुलिस ने बुधवार को मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान को गिरफ्तार किया। उसे 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। फहीम खान ने 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा किया और हिंसा को बढ़ावा दिया था। दंगाइयों ने महिला पुलिसकर्मी के कपड़े उतारने और झड़प के दौरान उन्हें गलत तरीके से छूने की भी कोशिश की। यह जानकारी गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में सामने आई है। दंगाइयों ने भालदरपुरा चौक के पास रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए महिला अधिकारी के साथ अश्लील हरकत की थी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने हालिया हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को अप्रासंगिक बताया। आंबेकर ने ये बातें बेंगलुरु में 21-23 मार्च को होने वाली RSS की आगामी तीन दिन बैठक से पहले आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। वही, पुलिस ने कहा कि 17 मार्च को भड़की हिंसक झड़पों के बाद नागपुर में 10 पुलिस जिला क्षेत्रों में लगातार दूसरे दिन भी कर्फ्यू लागू रहा और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के बीच प्रशासन ने मुगल शासक की कब्र को ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। सोशल मीडिया पर पुलिस इस मामले में आपत्तिजनक पोस्ट को ट्रैक करके उन्हें डिलीट करवा रही है। अब तक 500 से अधिक ऐसी ऑनलाइन पोस्ट डिलीट की जा चुकी हैं। औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करने की बढ़ती मांग के बीच शिवसेना (यूबीटी) ने बुधवार को भाजपा पर हमला करते हुए दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी मुगल सम्राट को छत्रपति शिवाजी महाराज से ज्यादा महत्वपूर्ण मानती है। साथ ही इसने कहा कि केंद्र को दंगों को रोकने और राज्य में कट्टरपंथियों के गुस्से को शांत करने के लिए छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की समाधि को संरक्षित स्मारक का दर्जा हटा देना चाहिए।