मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का वर्चुअली इनॉगरेशन किया। PM ने यहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के फायदे गिनाए, इसके बाद बेंगलुरु में हो रही 26 विपक्षी दलों की बैठक को लेकर तंज किया। उन्होंने कहा, लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा। कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं। ये बेंगलुरु में इकट्ठा हुए हैं। इसमें जेल जाने वालों को खास न्योता भेजा गया है। उनकी दुकान में भ्रष्टाचार की गारंटी है। ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा, नफरत हैं घोटाले हैं, तुष्टीकरण है, मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है।
मोदी ने यह भी कहा, ये जो जमात इकट्ठा हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों और अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं। कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में सरेआम हिंसा हुई। लगातार खून-खराबा हो रहा है। इस पर भी इन सबकी बोलती बंद है। कांग्रेस और लेफ्ट के अपने कार्यकर्ता वहां खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने अपने स्वार्थ में वहां अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने के लिए छोड़ दिया है। PM ने कहा, आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत कहीं से कहीं पहुंच सकता था, लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया। आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके हैं, निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं। 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों को इकट्ठा देखकर मुझे एक कविता की कुछ लाइनें याद आ गई हैं, जो अवधी भाषा में लिखी गई है- गाइत कुछ है, हाल कुछ है। यानी लेबल कुछ है, माल कुछ है।
PM ने आगे कहा, विपक्षी दलों के लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं, बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है- अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ। इनके लिए परिवार पहले, देश बाद में है। न खाता न बही, जो परिवार कहे वही सही। लोकतंत्र लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए होता है, लेकिन वंशवादी राजनीतिक दलों के लिए सब कुछ परिवार का है, परिवार द्वारा है और परिवार के लिए है। देश वंशवादी राजनीति की आग का शिकार है। तो वहीं, मोदी ने कहा, राजस्थान में बेटियों से अत्याचार हो या परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हों, इन्हें कुछ दिखाई नहीं पड़ता। परिवर्तन की बातें करके जनता से विश्वासघात करके जब करोड़ों का शराब घोटाला करते हैं, तो ये कुनबा फिर उन्हें कवर देने लगता है। तमिलनाडु में भ्रष्टाचार और घोटाले के अनेक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनके कुनबे के सारे दलों ने पहले ही सबको क्लीन चिट दे दी है। इन लोगों को एक फ्रेम में देखकर देश की जनता कह रही है कि ये तो कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है। इनका प्रोडक्ट है 20 लाख करोड़ रुपए के घोटाले की गारंटी।