इंफाल में सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में मौजूदा सुरक्षा चिंताओं को संबोधित किया। राज्य के सत्तारूढ़ विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से घाटी के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) लगाने पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। यह बात यहां हिंसा और विरोध प्रदर्शन की एक नई लहर के जवाब में केंद्र द्वारा मणिपुर में 50 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात करने के कुछ घंटों बाद आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विधायकों ने 11 नवंबर को जिरीबाम से छह मैतेई महिलाओं और बच्चों के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने मांग की कि समूह को सात दिनों के भीतर "गैरकानूनी संगठन" घोषित किया जाए।
प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि यदि उनकी मांगों को निर्धारित अवधि के भीतर लागू नहीं किया गया, तो एनडीए विधायक भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए राज्य के लोगों से परामर्श करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान विधायकों और राजनीतिक हस्तियों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी सिफारिश की गई है।