मुंबई, 11 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा कि राजद्रोह कानून के तहत प्रावधानों को बदलने के नाम पर गृह मंत्रालय भारतीय न्याय संहिता में अधिक गंभीर और मनमाने उपाय पेश कर रहा है। ये नागरिकों को और ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। आपको बता दें, अंग्रेजों के जमाने के कानून खत्म करने के लिए मानसून सेशन के आखिरी दिन 11 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिल लोकसभा में पेश किया था। सबसे बड़ा बदलाव राजद्रोह कानून को लेकर है, जिसे नए स्वरूप में लाया जाएगा। इस बिल में ब्रिटिश काल के शब्द राजद्रोह को हटाकर देशद्रोह शब्द आएगा।
ममता बनर्जी ने 11 अक्टूबर को ट्विटर पर लिखा, मैं भारतीय दंड संहिता, इंडियन एविडेंस एक्ट और CRPC को रिप्लेस करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के मसौदे को पढ़ रही हूं। यह देखकर स्तब्ध हूं कि इनमें चुपचाप बहुत कठोर और कठोर नागरिक विरोधी प्रावधानों को पेश करने का गंभीर प्रयास किया जा रहा है। बंगाल सीएम ने आगे कहा कि न सिर्फ राजद्रोह कानून में बल्कि उसकी भावना में भी बदलाव जरूरी है। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं और कानून के जानकारों को इस मसौदे को गंभीरता से लेने को कहा, क्योंकि यह क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़ा बदलाव लाएगा। संसद में मेरे सहयोगी स्थायी समिति के सामने यह मुद्दे उठाएंगे। पहले राजद्रोह कानून था, उन प्रावधानों को बदलने के नाम पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता में मनमाने उपाय पेश किए गए हैं।