मुंबई, 29 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) ने भाजपा सांसद मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है। हाल ही में मेनका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमे उन्होंने कहा कि इस्कॉन ने गौशालाएं स्थापित कीं, जिन्हें चलाने के लिए उन्हें सरकार की तरफ से अनगिनत फायदे मिलते हैं। उन्हें बड़ी जमीनें मिलती हैं। इसके बावजूद जो गाय दूध नहीं देतीं, उन्हें वे कसाइयों के हवाले कर देते हैं। इनकी गौशालाओं में एक भी बछड़ा और एक भी सूखी (बूढ़ी) गाय नहीं है। मेनका ने ये भी कहा, मैं आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में इस्कॉन की एक गौशाला में गई थी। गौशाला में एक भी गाय ऐसी नहीं मिली, जो दूध ना देती हो, ना ही कोई बछड़ा मिला। इसका मतलब साफ है कि वो लोग (इस्कॉन) दूध ना देने वाली गायों और बछड़ों को बेच देते हैं। मेनका ने ये बातें एक यूट्यूबर को दिए इंटरव्यू में कही थीं। मेनका गांधी ने कहा कि इस्कॉन गायों को कसाइयों को बेच रहा है। कोई और ऐसा नहीं करता, जितना वे करते हैं। वे सड़कों पर 'हरे राम हरे कृष्ण' गाते हैं। फिर कहते हैं कि उनका पूरा जीवन दूध पर निर्भर है। शायद, किसी ने भी कसाइयों को उतने मवेशी नहीं बेचे, जितने इस्कॉन ने बेचे। अगर ये लोग ऐसा कर सकते हैं तो और लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं।
इस्कॉन ने मेनका गांधी के आरोपों का खंडन किया। इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा, इस्कॉन के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। हमने आरोप लगाने को लेकर मेनका गांधी को नोटिस भेजा है। मेनका के आरोपों से इस्कॉन के भक्त, समर्थक और शुभचिंतक बहुत दुखी हैं। मेनका के आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं। इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा, मेनका गांधी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर की गौशाला के बारे में कह रही हैं, वहां 250 से ज्यादा ऐसी गायें हैं, जो दूध नहीं देतीं। वहां सैकड़ों बछड़े भी हैं। उनके आरोप झूठे और निराधार हैं। इस्कॉन ने कहा, पिछले 50 सालों में इस्कॉन दुनियाभर में गाय संरक्षण और शाकाहार में अग्रणी रहा है और कई देशों में गौशालाओं का निर्माण और रखरखाव कर रहा है। भारत में इस्कॉन 60 से ज्यादा गौशालाओं का रखरखाव कर रहा है, जहां सभी गायों, बैलों और बछड़ों की प्यार और देखभाल के साथ सेवा की जाती है। इनमें से कई गौशालाओं में गाय बैल को घायल या रोगग्रस्त अवस्था में लाया जाता है, इस्कॉन गौशाला में स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं की टीम उनकी देखभाल भी करती है। गौसेवा की सनातन प्रथा को पुनर्जीवित करने के लिए भारत भर में गाय की देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस्कॉन और इसकी पहल की तारीफ की है।