मुंबई, 21 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ज्ञानवापी केस में ASI सर्वे की इजाजत मिल गई है। वाराणसी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वजु स्थल को छोड़कर बाकी पूरे कैंपस का बिना नुकसान पहुंचाए साइंटिफिक सर्वे किया जाए। जिला जज ने ASI डायरेक्टर को 4 अगस्त को कोर्ट में पेश होने को कहा है। उन्हें कोर्ट को बताना होगा कि वो ये सर्वे कैसे करेंगे। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। मुस्लिम पक्ष ने फैसले के विरोध में हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी। 14 जुलाई को करीब डेढ़ घंटे तक हुई बहस के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, हमारा कहना था कि पूरे क्षेत्र का ASI सर्वे करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी और अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को तय करेगा। शिवलिंग का सर्वे नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है। साथ ही वाराणसी कोर्ट में वकील विष्णुशंकर जैन ने दलील दी कि ज्ञानवापी की 14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे में 2.5 फीट ऊंची गोलाकार शिवलिंग जैसी आकृति के ऊपर अलग से सफेद पत्थर लगा मिला। उस पर कटा हुआ निशान था। उसमें सींक डालने पर 63 सेंटीमीटर गहराई पाई गई। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट पाया गया। ज्ञानवापी में कथित फव्वारे में पाइप के लिए जगह ही नहीं थी, जबकि ज्ञानवापी में स्वास्तिक, त्रिशूल, डमरू और कमल जैसे चिह्न मिले। तो वहीं, मुस्लिम पक्ष कुंड के बीच मिली जिस काले रंग की पत्थरनुमा आकृति को फव्वारा बता रहा था, उसमें कोई छेद नहीं मिला है। न ही उसमें कोई पाइप घुसाने की जगह है।