मुंबई, 14 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट और उद्धव गुट की ओर से एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। यह सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल में की। न्यूज एजेंसी PTI ने के मुताबिक, मामले की सुनवाई के बाद शिंदे गुट के वकील अनिल साखरे ने मीडिया से कहा, हमें उद्धव गुट की ओर से दस्तावेज नहीं मिले हैं। जवाब में ठाकरे गुट के विधायक रवींद्र वायकर ने कहा कि यह शिंदे गुट की रणनीति का हिस्सा है। यह विधानसभा अध्यक्ष का काम है कि वो दोनों गुटों को मामले से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराएं। हम चाहते हैं कि इस मामले में 34 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, सबको जोड़कर एक साथ सुना जाए। फिलहाल मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए टाल दी गई है।
तो वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले की सुनवाई के लिए शिवसेना के दोनों गुटों के 54 विधायकों को नोटिस भेजा था। जिसमें सभी विधायकों को विधानभवन में पेश होने का निर्देश दिया गया था। इस दौरान दोनों गुटों के विधायक और उनके वकील मौजूद रहे। वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान सभी विधायक के वकीलों को सीरियल नंबर दिए गए थे। आगे की सुनवाई और कार्रवाई के लिए उनसे वॉट्सऐप नंबर और ई-मेल आईडी देने के लिए कहा गया है। दोनों गुटों के विधायकों को सेंट्रल हॉल में अलग-अलग जगह पर बैठाया गया था। इसके बाद उनके बयान दर्ज किए गए। वहीं, सुनवाई के दौरान सभी 54 विधायकों के वकील सिर्फ स्पीकर को ही देखकर और उन्हें एड्रेस करने के निर्देश थे। उन्हें किसी अन्य शख्स की तरफ देखने की इजाजत नहीं थी। इस दौरान किसी तरीके की दिक्कत पैदा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही गई। एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला करीब 4 महीने पहले आया था। इसमें अदालत ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था।