मुंबई, 12 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत और चीन के बीच अगले महीने की शुरुआत में सीधी फ्लाइट सेवा फिर से शुरू हो सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे दोनों देशों के संबंधों में सुधार का संकेत माना जा रहा है। भारत सरकार ने एयर इंडिया और इंडिगो जैसी कंपनियों को चीन के लिए उड़ानें शुरू करने की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना महामारी के दौरान यह सेवा बंद हो गई थी और जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए थे। महामारी से पहले दोनों देशों के बीच हर महीने 539 सीधी उड़ानें होती थीं, जिनमें 1.25 लाख से अधिक सीटों की क्षमता थी। इसमें एयर इंडिया, चाइना साउदर्न एयरलाइंस और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस जैसी कंपनियां शामिल थीं। सेवा निलंबित होने के बाद यात्री बांग्लादेश, हांगकांग, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे कनेक्टिंग हब के जरिए यात्रा करते थे, जिससे यात्रा महंगी पड़ जाती थी। जनवरी से अक्टूबर 2024 के बीच भारत-चीन के बीच यात्रा करने वालों की संख्या 4.6 लाख रही, जबकि 2019 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 10 लाख था। इस दौरान वाया हांगकांग 1.73 लाख, वाया सिंगापुर 98 हजार, वाया थाईलैंड 93 हजार और वाया बांग्लादेश 30 हजार यात्राएं दर्ज की गईं।
गलवान झड़प के बाद रिश्तों में काफी तनाव आ गया था। 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख में सैनिक जमा किए थे, जिसके बाद घुसपैठ की घटनाएं हुईं और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गोलियां भी चलीं। इसी दौरान गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए, जबकि भारत की जवाबी कार्रवाई में 40 चीनी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद भारत ने चीनी निवेश पर पाबंदियां लगाईं, आयात पर कड़ी निगरानी रखी और सीधी उड़ानें रोक दीं। पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पांच साल बाद हुई मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार की शुरुआत हुई। दोनों नेताओं ने संबंध बेहतर बनाने पर सहमति जताई, जिसके बाद डेमचोक और देपसांग जैसे विवादित इलाकों से सेनाओं की वापसी, कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुमति और अब सीधी फ्लाइट सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया। भारत ने 24 जुलाई से चीनी पर्यटकों को वीजा जारी करना भी शुरू कर दिया है, जो गलवान घटना के बाद रोक दिया गया था।