मुंबई, 15 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री और आरजेडी के सीनियर लीडर चंद्रशेखर ने एक बार फिर रामचरितमानस पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है। जब तक यह पोटेशियम साइनाइड रहेगा, तब तक मैं इसका विरोध जारी रखूंगा। दरअसल, चंद्रशेखर ने बीते दिन पटना में बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने सुंदर कांड एक दोहे का जिक्र करते हुए पूछा कि जीभ काटने की कीमत 10 करोड़ रुपए लगाई गई थी। मेरे गले की कीमत क्या होगी। उनके इस बयान के बाद बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर खुद ही सामाजिक साइनाइड हैं। इतना ही नहीं वे समाज में जहर फैलाने के लिए बेचैन हैं। अरविंद सिंह ने आगे कहा कि राजद समाज के लिए साइनाइड है। चारों तरफ जातीय और धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। रामचरितमानस और सनातन पर आरजेडी की ओर से बयान दिया जा रहा है। इन लोगों ने कभी रामचरित मानस पूरा पढ़ा ही नहीं होगा। ये लोग सियासी फ्रॉडिज्म करके चुनावी एजेंडा बनाकर बिहार की जनता को ठगना चाहते हैं।
प्रो. चंद्रशेखर ने कार्यक्रम के दौरान रामचरितमानस के अरण्य कांड की एक चौपाई सुनाई, पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न पूजहु वेद प्रवीणा। चंद्रशेखर ने कहा कि जब मैं इन सब चीजों का विरोध करता हूं तो मीडिया के लोग भी मेरे पीछे पड़ जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या गुण हीन विप्र पूजनीय हैं और गुण युक्त शूद्र वेद के जानकार होने पर भी पूजनीय नहीं हैं। हमें बताएं कि जब सब के पूर्वज चिम्पांजी थे तो ये जातियां कहां से आईं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे देश से बाहर जाने की बात कही जाती है। मोहन भागवत ने किसी धर्म विशेष पर टिप्पणी की तो उन्हें क्यों नहीं बाहर भेजा जाता। इन चीजों का विरोध डॉ.राम मनोहर लोहिया और कवि नागार्जुन ने भी किया था। एकलव्य का भी अंगूठा काटा गया था। साथ ही, शिक्षा मंत्री ने कहा कि आप लोग जगदेव प्रसाद को गोली मारने का कारण गूगल करके पढ़िएगा। पता चला जाएगा कि मैं किन चीजों का विरोध कर रहा हूं। चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि अगर लालू जी के राज में जंगलराज ही था तो चौकीदार यानी 56 इंच वाले की तरह उस समय भी डिग्री खरीद ली गई होती। हम सच बोलने वाले लोग हैं। लालू प्रसाद ने यादवों, दलितों को आवाज दी तो इनके खिलाफ साजिश की गई।