मुंबई, 15 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में सब्जियों की बढ़ती कीमत का जिम्मेदार मियां समुदाय को बताया। सरमा ने कहा, शहर में ज्यादातर सब्जी बेचने वाले मियां हैं। ये असमिया लोगों को महंगी सब्जी बेच रहे हैं। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) चीफ बदरुद्दीन अजमल ने हाल ही में मियां पर एक बयान दिया। अजमल ने कहा था, असमिया समुदाय मुस्लिमों के बिना अधूरा है। मिया मुस्लिम और असमिया लोग भाइयों की तरह हैं। राज्य मुस्लिम समुदाय के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकता। हिमंत सरमा की ताजा टिप्पणी अजमल के इसी बयान के बाद आई। सरमा ने कहा, अगर असमिया व्यापारी आज सब्जियां बेचते तो वह कभी अपने असमिया लोगों से ज्यादा कीमत नहीं वसूलते। सीएम सरमा ने असम के युवाओं को आगे आने और सब्जी बेचने के लिए कहा। उन्होंने भरोसा दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से फ्लाईओवर के नीचे के बाजार को खाली करवा देंगे, जिससे असमिया लड़कों को रोजगार का अवसर मिल सके।
सीएम ने आगे यह भी कहा, हम सभी ने देखा है कि कैसे गुवाहाटी शहर में ईद के दौरान भीड़ कम दिखाई देती है। बसों की आवाजाही कम हो जाती है। क्योंकि ज्यादातर बस और कैब चलाने वाले मियां समुदाय से हैं। सरमा की इस टिप्पणी के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, देश में एक ऐसी मंडली है जिसके घर अगर भैंस दूध ना दे या मुर्गी अण्डा ना दे तो उसका इल्जाम भी मियां पर ही लगा देंगे। शायद अपनी निजी नाकामियों का ठीकरा भी मियां भाई के सर ही फोड़ते होंगे। आज कल मोदी जी की विदेशी मुसलमानों से गहरी यारी चल रही है, उन्हीं से कुछ टमाटर, पालक, आलू वघैराह मांग कर काम चला लीजिए। असम के धुबरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल ने सरमा के बयान की फिर आलोचना की।
अजमल ने कहा, CM राज्य के प्रमुख हैं और उनके मुंह से ऐसे शब्द सही नहीं लगते हैं। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। अजमल ने आगे कहा, यह सब करके वह मुसलमानों और असमिया लोगों के बीच विभाजन पैदा कर रहे हैं। अगर यह सब होने के बाद भी कोई घटना घटती है तो इसके लिए सरकार और सीएम सरमा जिम्मेदार होंगे। तो वहीं, साल 2021 में असम विधानसभा चुनाव से पहले सरमा ने एक कार्यक्रम में कहा था, मियां समुदाय असमिया संस्कृति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। सरमा ने उन्हें बाहरी भी बताया था। आपको बता दें, असम में बंगाली मूल के मुसलमानों के लिए अक्सर मियां शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। वे मूल रूप से बांग्लादेश से आए थे। असम के मुख्यमंत्री अक्सर मिया समुदाय को सांप्रदायिक बताते रहे हैं।