बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया फैसले के बाद, लालू प्रसाद यादव के परिवार को पटना का उनका प्रतिष्ठित सरकारी बंगला 10 सर्कुलर रोड खाली करना पड़ रहा है. इस मुद्दे पर, जो रोहिणी आचार्या हाल ही में अपने परिवार से नाराज़ चल रही थीं, वह एक बार फिर अपने परिवार के समर्थन में सामने आई हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा निशाना साधा है.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को अब 10 सर्कुलर रोड वाले सरकारी बंगले के बजाय, बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते, 39, हार्डिंग रोड स्थित नया सरकारी आवास आवंटित किया गया है. इस प्रशासनिक बदलाव को लेकर रोहिणी आचार्या ने नीतीश कुमार के "विकास मॉडल" को आड़े हाथ लिया है.
'लालू का अपमान' बताकर रोहिणी हुईं भावुक
रोहिणी आचार्या ने इस बदलाव को सीधे तौर पर लालू प्रसाद यादव का अपमान बताते हुए सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा व्यक्त किया. उन्होंने कहा:
"सुशासन बाबू का विकास मॉडल यही है, लालू प्रसाद यादव का अपमान करना. घर से निकाल सकते हैं, लेकिन बिहारवासियों के दिलों से नहीं."
रोहिणी ने आगे कहा कि लालू यादव की राजनीतिक हैसियत को किसी भी कीमत पर कम करके नहीं आंका जा सकता है. उन्होंने इस बंगले के राजनीतिक महत्व को बताया. 10 सर्कुलर रोड वाला यह बंगला 2005 से राबड़ी देवी के नाम पर आवंटित था और यह मुख्यमंत्री आवास 1, अणे मार्ग को सीधे सामने से देखता है, जिसकी राजनीतिक दृष्टि से काफी अहमियत मानी जाती है. यहीं पर नीतीश कुमार निवास करते हैं.
दो दशक तक लालू परिवार इस बंगले में रहा. हालांकि, बिहार में हालिया चुनावों में बीजेपी के मजबूत होने और नीतीश कुमार के साथ गठबंधन बदलने के बाद, राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है.
पारिवारिक विवाद भुलाकर आईं साथ
दिलचस्प बात यह है कि रोहिणी आचार्या कुछ समय पहले अपने ही परिवार से नाराज चल रही थीं. उन्होंने सार्वजनिक रूप से गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें उन पर चप्पल उठाए जाने तक की बात शामिल थी. इस विवाद के चलते रोहिणी ने परिवार से अलग होने की बात भी कही थी.
लेकिन राबड़ी देवी को बेदखली नोटिस मिलने के बाद, रोहिणी आचार्या ने पारिवारिक विवाद को किनारे कर दिया है और एक बार फिर एकजुट होकर अपने परिवार के साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं, जो राजनीतिक एकजुटता का संकेत है.
तेज प्रताप को भी खाली करना होगा घर
इस बड़े फेरबदल की चपेट में लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी आए हैं. तेज प्रताप यादव, जिन्होंने पिछले हफ्ते के पारिवारिक विवाद में रोहिणी का समर्थन किया था, उन्हें भी उनका सरकारी आवास 26 एम, स्ट्रैंड रोड से खाली करने का आदेश जारी किया गया है.
बिहार में सरकारी आवासों के बड़े पैमाने पर रीशफल के तहत ये दोनों बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसे लालू परिवार पर राजनीतिक दबाव बनाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.