गुरु प्रदोष व्रत: 10 अप्रैल को मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद, राशि अनुसार करें ये उपाय 🌺
🗓 तारीख: 10 अप्रैल 2025
📅 तिथि: चैत्र शुक्ल त्रयोदशी | दिन: गुरुवार
🕉️ व्रत: गुरु प्रदोष व्रत
🙏 क्या है गुरु प्रदोष व्रत का महत्व?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 10 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जिसे प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। यह वर्ष 2025 का पहला प्रदोष व्रत है और गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है।
🌌 राशि अनुसार उपाय – गुरु प्रदोष पर जरूर करें ये छोटे लेकिन प्रभावशाली उपाय
🌟 राशि |
✅ उपाय |
मेष |
शिवलिंग पर लाल फूल और बिल्व पत्र अर्पित करें। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। |
वृषभ |
दूध व दही से अभिषेक करें, सफेद फूल चढ़ाएं। ‘ॐ सोमाय नमः’ का जाप करें। |
मिथुन |
बेलपत्र और दूर्वा अर्पित करें। ‘ॐ बुधाय नमः’ मंत्र का जाप करें। |
कर्क |
दूध और चावल अर्पित करें। ‘ॐ चंद्राय नमः’ मंत्र का जाप करें। |
सिंह |
गुड़, गेहूं और कनेर के फूल चढ़ाएं। ‘ॐ सूर्याय नमः’ का जाप करें। |
कन्या |
गंगाजल से अभिषेक करें। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र जपें। |
तुला |
गुलाबजल और सुगंधित फूल चढ़ाएं, सफेद चंदन भी अर्पित करें। ‘ॐ शुक्राय नमः’ जाप करें। |
वृश्चिक |
तांबे के लोटे से जल, लाल चंदन, बेलपत्र व धतूरा अर्पित करें। ‘ॐ अंगारकाय नमः’ मंत्र पढ़ें। |
धनु |
हल्दी मिश्रित जल, पीले फूल और चावल चढ़ाएं। ‘ॐ बृहस्पतये नमः’ मंत्र जपें। |
मकर |
काले तिल, जल और शमी पत्र अर्पित करें। शिवजी को मन से नमस्कार करें। |
कुंभ |
नीले फूल और शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाएं। ध्यानपूर्वक शिव नाम का स्मरण करें। |
मीन |
पीले फूल, दूध और चावल चढ़ाएं। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। |
🔮 विशेष सलाह:
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व्रतधारी दिनभर सात्विकता का पालन करें।
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शाम को प्रदोष काल में दीपक जलाकर शिव-पार्वती की आरती करें।
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संभव हो तो शिव मंदिर जाकर जलाभिषेक करें।
🕉️ इस गुरु प्रदोष व्रत पर भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें और आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। 🙏