मुंबई, 03 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, जब हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परमानेंट सीट देने की बात उठी तब नेहरू ने भारत को पीछे रखते हुए चीन को प्राथमिकता दी। उन्होंने बताया, उस वक्त नेहरू ने कहा था कि भारत इस सीट के काबिल है लेकिन पहले चीन को युक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनना चाहिए। आज हम इंडिया फर्स्ट की पॉलिसी अपना रहे हैं, लेकिन एक समय था जब भारत के प्रधानमंत्री चाइना फर्स्ट और इंडिया सेकेंड की पॉलिसी रखते थे। जयशंकर ने बताया कि साल 1950 में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने चीन को लेकर नेहरू को चेतावनी भी दी थी।
उन्होंने कहा था कि चीन के इरादे उसकी बातों से मेल नहीं खाते हैं और भारत को सावधान रहना चाहिए। लेकिन नेहरू ने उनकी चिंताओं को खारिज कर दिया था। जयशंकर के मुताबिक, नेहरू ने कहा था कि कोई भी देश हिमालय की तरफ से भारत पर कभी हमला नहीं कर सकता। यह नामुमकिन है। विदेश मंत्री ने UN में पहली बार PoK का मुद्दा उठाए जाने पर कहा, सरदार पटेल पाकिस्तान और कश्मीर के मामले में भी UN जाने के खिलाफ थे। लेकिन फिर भी यह मुद्दा UN में उठाया गया। इसके बाद हम पर दबाव डालकर वहां सैन्य अभ्यास करने पर रोक लगा दी गई। जयशंकर ने आगे कहा, केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से जिन समस्याओं का सामना कर रही उनमें से कई हमें विरासत में मिली हैं। इनमें से कुछ समस्याओं को सुलझा लिया गया है, लेकिन कुछ पर अभी और समय लगेगा। भारत ने पहली बार 1 जनवरी 1948 को UN के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तानी घुसपैठिए जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर रहे हैं। यह कानूनी तौर पर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान से यहां से जाने के लिए कहा जाना चाहिए।