अमेरिका की प्रतिष्ठित मीडिया संस्था द वाशिंगटन पोस्ट के वरिष्ठ पत्रकार और पुरस्कार विजेता थॉमस फाम लेग्रो एक गंभीर विवाद में फंस गए हैं। उन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखने का आरोप लगा है। इस मामले की जांच एफबीआई की वाशिंगटन फील्ड ऑफिस द्वारा की जा रही है, और अब तक की जानकारी के मुताबिक एफबीआई ने उनके आवास की तलाशी लेकर कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 48 वर्षीय थॉमस फाम लेग्रो के लैपटॉप से एक ऐसा फोल्डर बरामद हुआ है जिसमें कम से कम 11 वीडियो मिले हैं। ये वीडियो कथित रूप से चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (CSAM) से संबंधित हैं। इन वीडियो की जांच के बाद एजेंसियों ने पुष्टि की है कि इनमें नाबालिग बच्चों के यौन उत्पीड़न के दृश्य हैं।
तलाशी के दौरान एजेंटों को उस कमरे के बाहर दालान में एक हार्ड ड्राइव के टूटे हुए टुकड़े भी मिले, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की गई थी। ये संकेत एक पूर्वनियोजित साक्ष्य मिटाने की कोशिश की ओर इशारा करते हैं, जो मामले को और गंभीर बनाता है।
थॉमस फाम लेग्रो: कौन हैं ये पत्रकार?
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थॉमस फाम लेग्रो ने 2013 में द वाशिंगटन पोस्ट के ब्रेकिंग न्यूज डेस्क पर वीडियो एडिटर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था।
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साल 2015 में उन्हें सीनियर प्रोड्यूसर बना दिया गया, जहां वे इंटरनेशनल, स्टाइल और टेक्नोलॉजी डेस्क के कार्यों का नेतृत्व करने लगे।
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2017 में, वह उस टीम का हिस्सा थे जिसे अमेरिकी सीनेट उम्मीदवार रॉय मूर की रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला था।
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2021 में उन्हें एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर बनाया गया और वे वाशिंगटन पोस्ट की राजनीतिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वीडियो टीमों का संचालन कर रहे थे।
उनके प्रमुख पुरस्कार
इन पुरस्कारों और प्रतिष्ठा के बावजूद आज वो एक बहुत ही संवेदनशील और गंभीर आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं।
जांच की स्थिति
इस केस की जांच एफबीआई वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के बाल शोषण और मानव तस्करी टास्क फोर्स द्वारा की जा रही है। इस टीम में एफबीआई एजेंटों के साथ-साथ कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट और उत्तरी वर्जीनिया के पुलिस विभागों के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। टास्क फोर्स का प्रमुख काम बच्चों के यौन शोषण और मानव तस्करी में लिप्त लोगों को चिन्हित करना, जांच करना और उनके खिलाफ संघीय आरोप दायर करना है।
टास्क फोर्स अब डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण कर रही है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि इन वीडियो को किसने डाउनलोड किया, कब देखा गया और क्या इनका किसी प्रकार का प्रसारण या वितरण किया गया था।
आरोप सिद्ध हुए तो क्या सजा?
अगर थॉमस फाम लेग्रो पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें संघीय कानून के तहत कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका में चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखने, देखने या प्रसारित करने पर:
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कम से कम 5 साल से लेकर 20 साल तक की जेल
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भारी आर्थिक जुर्माना
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दोष सिद्ध होने पर सेक्स ऑफेंडर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है
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पत्रकारिता क्षेत्र में स्थायी बहिष्कार और सामाजिक बहिष्कार का खतरा
वाशिंगटन पोस्ट की प्रतिक्रिया
अब तक द वाशिंगटन पोस्ट की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, संपादकीय बोर्ड इस मामले को लेकर गंभीरता से जांच कर रहा है और लेग्रो को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है। संस्था की छवि और भरोसे को ध्यान में रखते हुए कानूनी कार्रवाई पूरी होने तक लेग्रो के पत्रकारिता कार्यों को रोक दिया गया है
निष्कर्ष:
थॉमस फाम लेग्रो पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं, और यदि साबित होते हैं तो यह पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर भी बड़ा सवाल उठाता है। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि मीडिया संस्थाओं की नैतिक जिम्मेदारी और जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर भी एक अहम बहस को जन्म देगा।
अगले कुछ दिनों में एफबीआई की रिपोर्ट, डिजिटल साक्ष्य और कोर्ट की सुनवाई इस मामले की दिशा तय करेगी। फिलहाल यह एक चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण है जिसने अमेरिका समेत पूरी दुनिया के मीडिया जगत को झकझोर कर रख दिया है।