प्रयागराज न्यूज डेस्क: अमित श्रीवास्तव और उनकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव, जो 17 वर्षों से फरार थे, को UP STF ने गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया। इन पर प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में जालसाजी का मामला दर्ज था, और दोनों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित था। वे युवाओं को अपने जाल में फंसाकर ठगी करते थे।
यूपी एसटीएफ के अनुसार, अमित श्रीवास्तव और शिखा श्रीवास्तव ने प्रयागराज में वारदात को अंजाम देने के बाद गुजरात में शरण ली। गुजरात में, उन्होंने एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू कर दी और वहीं अपनी गतिविधियां जारी रखीं। दोनों को अहमदाबाद की बेकरी सिटी स्थित शिवान्ता अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया। प्रयागराज में, ये दोनों इंन्फोकॉन्स कंसलटेंस प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाकर बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर उनसे ठगी करते थे।
अमित और शिखा श्रीवास्तव की जालसाजी का पर्दाफाश: इस जोड़े ने प्रयागराज में एक कंपनी स्थापित की, जहां अमित खुद को मैनेजिंग डायरेक्टर और शिखा को सह-डायरेक्टर बताता था। एसटीएफ के अनुसार, कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर और इंजीनियर के पदों के लिए नौकरी दी जाती थी और इसके बदले उम्मीदवारों से 80 हजार से 1 लाख तक की सिक्योरिटी मनी वसूली जाती थी। जब काफी पैसा इकट्ठा हो गया, तो ये दोनों फरार हो गए।
प्रयागराज से फरार होने के बाद अमित और शिखा दिल्ली गए, जहां उन्होंने कुछ समय तक धोखाधड़ी की। बाद में, ये दोनों गुजरात में बस गए। यूपी एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और अब कोर्ट में पेश कर प्रयागराज लाने की तैयारी की जा रही है। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से 2 मोबाइल और 600 रुपये मिले।
अमित श्रीवास्तव के अनुसार, उसने जार्ज टाउन थाना क्षेत्र, प्रयागराज में इन्फोकान्स कंसलटेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी स्थापित की थी। वह इस कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर था और उसकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव सह-डायरेक्टर थीं। इस कंपनी में लोगों से 80,000 से 1,00,000 रुपये सिक्योरिटी मनी लेकर उन्हें सॉफ्टवेयर डेवलपर और इंजीनियर की नौकरी दी जाती थी। हर महीने उन्हें 8500 रुपये का वेतन दिया जाता था।