प्रयागराज न्यूज डेस्क: महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन रेलवे की प्रभावी योजना के कारण यात्रियों को डायवर्जन की परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। रेलवे ने अपने आपात प्लान को हटाकर यात्रियों को सीधे रेलवे स्टेशन तक पहुंचने की सुविधा दी। यात्री आश्रय स्थलों से श्रद्धालुओं को प्लेटफार्म तक सुचारू रूप से ले जाया गया, जिससे किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं हुई।
बुधवार रात आठ बजे तक रेलवे ने कुल 272 ट्रेनों का संचालन किया, जबकि रात 12 बजे तक यह संख्या 300 के करीब पहुंच गई। ऑन-डिमांड ट्रेनों की योजना काफी सफल रही, जिससे श्रद्धालुओं को लंबे समय तक स्टेशन पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ी। आश्रय स्थलों पर अधिक भीड़ न जुटने से स्टेशन मार्ग भी सुचारू रूप से संचालित रहा।
रेलवे कंट्रोल रूम से डीआरएम हिमांशु बड़ोनी लगातार भीड़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। उनकी कार्ययोजना के तहत सभी स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण की प्रभावी रणनीति लागू की गई। रात आठ बजे तक प्रयागराज जंक्शन से 76, छिवकी से 13, नैनी से 15, सूबेदारगंज से 5, प्रयाग स्टेशन से 9, रामबाग से 6 और झूंसी से 17 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया, जिससे भीड़ को नियंत्रित रखने में मदद मिली।
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशनों पर लगातार उद्घोषणाएं की जाती रहीं, जिससे उन्हें सही दिशा में जाने वाली ट्रेन की जानकारी आसानी से मिल सके। प्रयागराज जंक्शन पर अधिक दबाव न बने, इसके लिए श्रद्धालुओं को अलग-अलग स्टेशनों की ओर निर्देशित किया गया। वहीं, खुसरोबाग आश्रय स्थल को भी यात्रियों के लिए खोल दिया गया, जहां उन्हें आराम करने की सुविधा दी गई। यहां मनोरंजन के लिए टीवी स्क्रीन पर रामायण धारावाहिक भी प्रसारित किया गया, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान आध्यात्मिक माहौल का अनुभव मिल सका।