प्रयागराज न्यूज डेस्क: यह कहानी है प्रयागराज के झलवा इलाके की श्वेता पाल की, जिसने तमाम मुश्किलों के बावजूद NEET की परीक्षा पास कर अपने मां-बाप का सपना पूरा किया। जहां कई छात्र महंगी कोचिंग के लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं, वहीं श्वेता ने समाज कल्याण विभाग और एक्स नवोदय फाउंडेशन की ओर से चल रही मुफ्त कोचिंग में पढ़ाई की और डॉक्टर बनने का रास्ता साफ किया। आज उसके इस कामयाबी पर पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।
पीपल गांव की रहने वाली श्वेता के परिवार की हालत बहुत साधारण है। मां कुसुम देवी सिलाई का काम करती हैं और पिता हीरालाल पाल सीट कवर बनाकर घर चलाते हैं। श्वेता के अलावा घर में दो छोटी बहनें और एक भाई है। सीमित आमदनी के बावजूद परिवार ने हार नहीं मानी और बेटी ने भी अपनी पढ़ाई में पूरा मन लगाया।
श्वेता बताती है कि उसने मेहनत से पढ़ाई की और उसका फल उसे अब मिल गया है। वो कहती है कि हर किसी को अपने लिए एक लक्ष्य तय करना चाहिए और उसी दिशा में ईमानदारी से मेहनत करनी चाहिए। अपनी इस सफलता का श्रेय वो अपने माता-पिता और शिक्षकों को देती है, जिनके भरोसे और मेहनत ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया।
पिता हीरालाल बताते हैं कि इतने सालों में कई बार परिवार को चटनी-रोटी खाकर दिन निकालना पड़ा, ऐसे में बेटी को महंगी कोचिंग में पढ़ा पाना नामुमकिन था। लेकिन आज श्वेता ने वो कर दिखाया है जो उन्होंने सिर्फ सपना देखा था। हीरालाल ने न सिर्फ अपनी बेटी की तारीफ की, बल्कि शिक्षकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया जिन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसा संदेश दिया, जिसे श्वेता ने सच कर दिखाया।