प्रयागराज न्यूज डेस्क: ग्रामीण क्षेत्र करछना को नगर पंचायत में बदलने की संभावना बढ़ गई है। तहसील प्रशासन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी प्रयागराज को भेज दिया है। प्रस्ताव में कुल 11 राजस्व गांवों—हिंदूपुर, फत्तेपुर, बसरिया, चनैनी, भरहा, थरी, मुंगारी, कपठुआ, रामपुर तालुका मुंगारी, हरदुआ और करछना—को नगर पंचायत में शामिल करने का सुझाव दिया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार इन गांवों की कुल आबादी 28 हजार से अधिक है।
प्रस्ताव में दावा किया गया है कि इन गांवों की 75 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि के अलावा व्यवसाय, नौकरी और अन्य साधनों पर निर्भर है। संस्तुति रिपोर्ट पर क्षेत्रीय लेखपाल बैजनाथ त्रिपाठी, अवनेद्र कुमार, सतीश कुमार यादव और कानूनगो विनोद कुमार ने हस्ताक्षर किए हैं। तहसीलदार करछना डा. बृजेश कुमार और एसडीएम आईएएस भारती मीणा ने इसे जिलाधिकारी को भेज दिया। स्थानीय नेताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि नगर पंचायत बनने से करछना क्षेत्र का विकास तेज होगा।
हालांकि, नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव के खिलाफ भी आवाज उठ रही है। कपठुआ प्रधान मोहम्मद एहतेशाम ने कहा कि नगर पंचायत बनने से कुल 11 गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। रामपुर प्रधान प्रवीणा द्विवेदी ने चेतावनी दी कि हाउस टैक्स, पानी टैक्स और मकान निर्माण में नक्शा बनवाने जैसी जिम्मेदारियों से आम जनता पर अतिरिक्त बोझ आएगा।
कई ग्रामीणों का कहना है कि करछना और आसपास के गांव आज भी 90 प्रतिशत कृषि पर निर्भर हैं और इनमें से कई गांवों में अभी तक बाजार तक नहीं बना। चनैनी प्रधान धीतेश तिवारी ने कहा कि 2011 की जनगणना पर आधारित प्रस्ताव में आबादी 28 हजार दिखाई गई थी, जबकि अब यह तीन गुना बढ़ चुकी है। ऐसे में 11 राजस्व गांवों का अस्तित्व समाप्त करना उचित नहीं लगता।