प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज के मांडा रोड रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक बड़ी चूक सामने आई, जब शंटिंग के दौरान एक मालगाड़ी के दो पहिए पटरी से उतर गए। यह हादसा रात करीब 9:40 बजे हुआ, जिसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी गई। मौके पर पहुंची टीम ने करीब साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद हाथ से चलने वाली मशीनों की मदद से डिब्बों को दोबारा पटरी पर चढ़ाया। गनीमत यह रही कि यह घटना मेन लाइन पर नहीं हुई, वरना दिल्ली-हावड़ा रेल रूट बाधित हो सकता था।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि मालगाड़ी को साइड लाइन में ले जाते वक्त आवश्यक ‘चेन गुटका’ नहीं लगाया गया था, जिससे ट्रेन के पहिए उतर गए। इसके साथ ही यह भी पाया गया कि सेटिंग ऑर्डर बुक में न तो लोको पायलट और न ही ट्रेन मैनेजर ने जरूरी रिसीविंग दर्ज की थी। इन लापरवाहियों के कारण रेलवे प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और डीआरएम प्रयागराज के निर्देश पर तुरंत सात कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
निलंबित कर्मचारियों में स्टेशन अधीक्षक सेवा लाल, स्टेशन मास्टर अनुज कुमार मिश्रा, प्वाइंटमैन पवन कुमार और रमाशंकर, जूनियर इंजीनियर सर्वेश कुमार, ट्रेन मैनेजर अरविंद कुमार यादव और लोको पायलट डीके गुप्ता शामिल हैं। इस मामले में दुर्घटना के बाद सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी की बात भी सामने आ रही है, जिसकी विभागीय जांच शुरू हो चुकी है।
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेलवे प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से संकेत मिलता है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर कोई ढील नहीं बरती जाएगी।