प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ ने होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं और होम स्टे को जबरदस्त मुनाफा दिलाया। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के आकलन के मुताबिक, इस महाकुंभ से होटल इंडस्ट्री ने करीब 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया। प्रयागराज में 404 होटल-गेस्ट हाउस और 98 पंजीकृत धर्मशालाएं 45 दिनों तक पूरी तरह बुक रहीं। होटल व्यवसायियों ने सामान्य से पांच से दस गुना तक अधिक किराया वसूला, जबकि होम स्टे की कीमतें भी तीन गुना तक बढ़ गईं। अरैल घाट पर बनी डोम सिटी, स्विस कॉटेज और आश्रमों के टेंट तक पूरी तरह बुक रहे, जहां किराया एक लाख रुपये तक पहुंच गया था।
महाकुंभ के श्रद्धालु सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं रहे, बल्कि वाराणसी और अयोध्या में भी भारी भीड़ उमड़ी। वाराणसी में होटलों में लगातार "हाउसफुल" का बोर्ड टंगा रहा, जबकि अयोध्या में ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था न होने से श्रद्धालु लखनऊ-फैजाबाद रोड के होटलों में रुकने को मजबूर हुए। बसंत पंचमी के बाद वाराणसी में इतनी भीड़ बढ़ी कि प्रशासन को बाहरी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगानी पड़ी। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या की भगदड़ के बाद कई ट्रेनों को वाराणसी डायवर्ट कर दिया गया, जिससे शहर में भीड़ और बढ़ गई।
महाकुंभ संपन्न हुए एक सप्ताह से अधिक हो गया, लेकिन श्रद्धालुओं का आना अब भी जारी है। प्रयागराज की तुलना में अयोध्या और वाराणसी में भीड़ अब भी सामान्य से कई गुना ज्यादा बनी हुई है। होटल व्यवसायियों के मुताबिक, प्रयागराज के होटलों में मार्च तक की बुकिंग फुल है, जबकि अयोध्या में रामनवमी तक कोई जगह खाली नहीं है। वाराणसी में महाशिवरात्रि के बाद भी हर दिन पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। महाकुंभ की वजह से इन तीर्थस्थलों पर पर्यटन और होटल इंडस्ट्री को जबरदस्त उछाल मिला है।