प्रयागराज न्यूज डेस्क: महाकुंभ 2025 के समापन के साथ प्रयागराज में कई नए कीर्तिमान बने हैं, जिनमें से एक है एयर ट्रैफिक का रिकॉर्ड। 48 दिनों के इस आयोजन के दौरान प्रयागराज एयरपोर्ट से 5,363 उड़ानें संचालित हुईं, जिनमें कुल 5,74,788 यात्रियों का आवागमन हुआ। खास बात यह रही कि इनमें 1,799 चार्टर उड़ानें भी शामिल थीं, जिनसे 5,429 विशिष्ट यात्री पहुंचे। महाकुंभ का औपचारिक आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चला, लेकिन विशेष उड़ान सेवाएं 11 जनवरी से ही शुरू हो गई थीं। पहले ही दिन 28 उड़ानों के माध्यम से 2,991 यात्रियों का आवागमन हुआ था।
महाकुंभ के दौरान हवाई यातायात का दबाव लगातार बढ़ता गया। 7 फरवरी को पहली बार 110 उड़ानों से 12,742 यात्रियों का सफर रिकॉर्ड किया गया, जबकि 17 फरवरी को 203 उड़ानों से 19,908 यात्रियों का आवागमन हुआ। 17 से 26 फरवरी के बीच रोजाना 200 से अधिक उड़ानें संचालित हुईं, और 24 फरवरी को 282 उड़ानों के साथ नया कीर्तिमान स्थापित हुआ। इसी दिन एयरपोर्ट पर सबसे अधिक 27,322 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई। मुख्य स्नान पर्वों के दौरान एयरपोर्ट पर अपेक्षाकृत भीड़ कम रही, लेकिन मौनी अमावस्या के बाद श्रद्धालुओं की भारी संख्या में वापसी दर्ज की गई।
अगर पिछले वर्षों की तुलना करें, तो प्रयागराज एयरपोर्ट पर एक दिन में अधिकतम 30 उड़ानें ही संचालित होती थीं। लेकिन महाकुंभ के दौरान यह संख्या रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई, और 24 फरवरी को एक ही दिन में 288 उड़ानें संचालित हुईं। इसके अलावा, महीनों तक चार्टर उड़ानों से खाली रहने वाला एयरपोर्ट 24 फरवरी को 128 चार्टर उड़ानों का गवाह बना। 11 फरवरी के बाद से चार्टर उड़ानों की संख्या कभी 50 से नीचे नहीं गई। 25 जनवरी से 27 फरवरी के बीच ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब यात्रियों की संख्या 5,000 से कम रही हो।
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज एयरपोर्ट से 30 शहरों के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट्स और 17 शहरों के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध रहीं। इनमें रायपुर, बिलासपुर, जयपुर, जम्मू, गुवाहाटी, कोलकाता, भुवनेश्वर, दिल्ली, देहरादून, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़ और लखनऊ शामिल हैं। इस ऐतिहासिक आयोजन के चलते प्रयागराज एयरपोर्ट का महत्व और अधिक बढ़ गया है, जिससे आने वाले समय में हवाई सेवाओं के विस्तार की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं।