प्रयागराज न्यूज डेस्क: गणपति महोत्सव के अवसर पर, प्रयागराज के एक पंडाल में भगवान गणेश की एक अनोखी और आकर्षक मूर्ति स्थापित की गई है, जो अयोध्या के रामलला की तर्ज पर तैयार की गई है। यह मूर्ति श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है और रोजाना हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने आ रहे हैं। पंडाल में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को अयोध्या के रामलला की झांकी भी देखने को मिलती है, जो एक अलग ही अनुभव प्रदान करती है। लोग यहां दर्शन-पूजन कर खुश और संतुष्ट हो रहे हैं।
प्रयागराज के मोहत्सिम गंज इलाके में स्थित मोहतसिम जी पूजा कमेटी के पंडाल में इस वर्ष एक अनोखी और भव्य गणपति प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा अयोध्या के राम मंदिर में विराजे रामलला की तर्ज पर तैयार की गई है और ग्यारह फीट ऊंचाई के श्यामल रंग के गणेश जी को दर्शाती है। यह सत्रहवां गणपति उत्सव है और प्रतिमा को तैयार करने में दो महीने का समय और दर्जन भर कारीगरों की कड़ी मेहनत लगी है। कमेटी ने इसे तैयार करने में लाखों रुपए खर्च किए हैं, जो इसकी भव्यता और आकर्षण को दर्शाता है।
प्रयागराज के मोहत्सिम गंज इलाके में स्थित पंडाल में भगवान गणेश की स्थापना अयोध्या में विराजमान रामलला की तर्ज पर की गई है, जिसमें भगवान गणेश को उसी रंग-स्वरूप और आकृति में दिखाया गया है। यहां पहुंचते ही श्रद्धालुओं को लगता है कि वे अयोध्या में रामलला के दर्शन कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां आकर उन्हें भगवान राम और भगवान गणेश दोनों के ही दर्शन कर उनका आशीर्वाद पाने का सौभाग्य मिलता है, जो एक अद्वितीय और आनंददायक अनुभव है।
मोहत्सिम गंज कमेटी के गणपति पंडाल में अनोखे स्वरूप में विराजमान गणेश भगवान के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहता है। यहां रोजाना शाम को भव्य आरती होती है, जिस दौरान पूरा पंडाल गणेश मय हो जाता है। पंडाल को आकर्षक अंदाज में सजाया गया है। कमेटी के अध्यक्ष अंकित चौरसिया के अनुसार, अयोध्या में इस साल 22 जनवरी को रामलला के भव्य मंदिर का लोकार्पण हुआ था, जिसने पूरे देश में उत्सव का माहौल बनाया था। उसी उत्साह को देखते हुए, इस बार के गणपति महोत्सव में रामलला स्वरूप में भगवान गणेश को स्थापित किया गया है।