प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले, महाकुंभ, में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। 25 सेक्टरों में विभाजित और 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस भव्य आयोजन में रोजाना करीब एक करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। इतनी बड़ी भीड़ के बीच अग्निशमन विभाग ने अपनी सतर्कता और अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से महाकुंभ को पूरी तरह सुरक्षित बनाया, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई और आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित किया जा सका।
महाकुंभ में कुल 185 आग लगने की घटनाएं हुईं, जिनमें 24 बड़ी अग्नि दुर्घटनाएं शामिल थीं। अग्निशमन विभाग ने न सिर्फ इन घटनाओं पर समय रहते काबू पाया, बल्कि करीब 16.5 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान होने से भी बचाया। सबसे गंभीर घटना 19 जनवरी को सेक्टर-19 स्थित गीता प्रेस के शिविर में सिलेंडर फटने से हुई थी, लेकिन त्वरित कार्रवाई के कारण जनहानि नहीं हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को सुरक्षित बनाने में अग्निशमन विभाग की इस भूमिका की सराहना की।
महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर 50 अग्निशमन केंद्र और 20 फायर चौकियां स्थापित की गई थीं। 2,200 प्रशिक्षित अग्निकर्मी और 351 अग्निशमन वाहन तैनात किए गए थे। इसके अलावा, वीडियो और थर्मल इमेजिंग कैमरों से लैस चार आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर, क्विक रिस्पांस व्हीकल, ऑल-टेरेन व्हीकल (ATV), अग्निशमन रोबोट और फायर मिस्ट बाइक जैसी अत्याधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया गया। हाउसबोट और पांटून पुलों पर आग बुझाने के लिए विशेष अग्निशमन नावों को भी तैनात किया गया था, जिससे महाकुंभ का यह आयोजन बिना किसी बड़े हादसे के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।