प्रयागराज न्यूज डेस्क: महाकुंभ समाप्त होने के बाद भी प्रयागराज का पवित्र त्रिवेणी संगम श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां के गंगाजल की देश ही नहीं, विदेशों में भी भारी मांग बनी हुई है। खासतौर पर जर्मनी में वहां के श्रद्धालुओं के लिए संगम का पावन जल भेजा गया है, जो महाकुंभ में शरीक नहीं हो सके थे। यह जल जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी के माध्यम से वहां पहुंचाया गया।
जसरा की 'नारी शक्ति महिला प्रेरणा संकुल समिति' की महिलाओं ने इस काम में अहम भूमिका निभाई। एनआरएलएम उपायुक्त राजीव कुमार सिंह के अनुसार, महिला स्वयं सहायता समूह ने गंगाजल की पैकेजिंग और आपूर्ति का ज़िम्मा उठाया। अब तक 50,000 से ज़्यादा बोतलों में गंगाजल पैक कर भेजा जा चुका है। जर्मनी के लिए खासतौर पर 250 मिलीलीटर की बोतलों में जल भेजा गया, जबकि देश में भेजे जाने वाले गंगाजल की पैकेजिंग 500 मिलीलीटर की बोतलों में होती है।
देशभर में भी त्रिवेणी संगम का जल श्रद्धालुओं तक पहुंचाने का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश के अग्निशमन विभाग ने राज्यभर में गंगाजल की आपूर्ति की, ताकि कोई भी श्रद्धालु इससे वंचित न रह जाए। असम से गुवाहाटी स्थित योग आश्रम के संत राजा रामदास तो निजी टैंकर लेकर संगम पहुंचे थे। वहां से टैंकर में भरकर गंगाजल असम रवाना किया गया। अब यही त्रिवेणी जल विदेशों में भी आस्था का प्रतीक बनता जा रहा है।