प्रयागराज न्यूज डेस्क: शंकरगढ़ का सदर बाजार, जहां रोज़ हजारों लोग आते-जाते हैं, आज खस्ताहाल सड़कों की वजह से खतरे का पर्याय बन चुका है। नगर पंचायत की सबसे व्यस्त और प्रमुख सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि अब इसे हादसों की सड़क कहा जाने लगा है। सड़क में गहरे गड्ढे, उखड़ी सरिया और टूटी सीमेंट की परतें हर गुजरने वाले के लिए खतरा बन चुकी हैं। स्थिति इतनी खराब है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है, और आए दिन लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि गिरने के डर से ग्राहक बाजार आने से कतराने लगे हैं, जिससे कारोबार पर सीधा असर पड़ा है। बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन केवल आश्वासन देता है, ज़मीन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं दिखी।
सड़क की जर्जर स्थिति के कारण यहां दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। खासकर ई-रिक्शा पलटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एक मामला 15 फरवरी 2024 को सामने आया, जब मऊ निवासी रमाशंकर मिश्र महिला अस्पताल के पास से गुजरते वक्त ई-रिक्शा पलटने से घायल हो गए। उनके साथ सवार अन्य यात्री भी चोटिल हुए। यह कोई इकलौती घटना नहीं है — आए दिन ऐसे हादसे हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि सिर्फ प्रस्ताव भेजने और स्वीकृति मिलने की बात कहकर पल्ला झाड़ते हैं। इस सड़क से न केवल स्थानीय लोग, बल्कि आस-पास के गांवों से आने वाले व्यापारी, किसान और यात्री भी गुजरते हैं, जिससे यह मार्ग और भी अहम हो जाता है।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने सड़क मरम्मत की मांग को लेकर कई बार आवाज़ उठाई है, लेकिन अब तक सिर्फ वादे ही मिले हैं। पूर्व सभासद, वर्तमान सभासद और समाजसेवियों से लेकर व्यापारी तक सभी ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि सड़क का तुरंत पुनर्निर्माण हो, क्योंकि यह सड़क सिर्फ एक रास्ता नहीं बल्कि लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और रोज़ी-रोटी से जुड़ी हुई है। कई लोगों का कहना है कि यह सड़क 2001 में बनी थी, तब से लेकर आज तक उसमें कोई खास मरम्मत नहीं हुई। अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो न सिर्फ हादसे बढ़ेंगे, बल्कि क्षेत्र का व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित होगा।