प्रयागराज न्यूज डेस्क: भदोही से सपा विधायक जाहिद बेग की पत्नी सीमा बेग पर दर्ज मुकदमे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई हुई। इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामला बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी से जुड़ा है, जिसे लेकर श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने सीमा बेग पर केस दर्ज कराया था।
सीमा बेग ने इस मुकदमे को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनके पक्ष में शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी और जीशीन अजहर ने दलील दी। उन्होंने कहा कि जिस लड़की को उनके घर से बरामद किया गया था, वह घरेलू कामकाज करती थी और उसे उचित वेतन भी दिया जाता था। इतना ही नहीं, वह अपनी मर्जी से घर आती-जाती थी। ऐसे में मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी का आरोप निराधार है।
अधिवक्ताओं ने दलील दी कि कानून में बंधुआ मजदूरी वही होती है जब किसी को ऋण, सामाजिक या आर्थिक दबाव में बिना उचित वेतन या स्वतंत्रता के लंबे समय तक काम करने पर मजबूर किया जाए। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था। उनका कहना है कि यह मुकदमा राजनीतिक दबाव में पुलिस द्वारा दर्ज किया गया और इसमें कोई ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से सोमवार को अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। सभी तर्कों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने फैसला सुरक्षित कर लिया। अब इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला तय करेगा कि सीमा बेग पर दर्ज केस आगे बढ़ेगा या रद्द होगा।