प्रयागराज न्यूज डेस्क: इलाहाबाद स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) में बीटेक के छात्र राहुल मांडला की आत्महत्या के बाद परिवार सदमे में है। राहुल तेलंगाना से पढ़ाई के लिए आया था और मूक-बधिर था। शनिवार रात उसने संस्थान परिसर में आत्महत्या कर ली, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। उसकी मां स्वर्णलता ने बताया कि राहुल पढ़ाई में होनहार था और प्रवेश परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल करने के बाद उसे यहां भेजा गया था। उन्होंने कहा कि शनिवार को राहुल ने आखिरी बार वीडियो कॉल पर इशारों में पिता और भाई का ख्याल रखने की बात कही थी, फिर फोन काट दिया। संस्थान के अनुसार, राहुल पिछले छह महीनों से कक्षाओं में नहीं आ रहा था और डिप्रेशन में था, लेकिन परिवार को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
राहुल के परिवार ने संस्थान पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनकी मां और मामा रमेश बाबू का कहना है कि अगर राहुल छह महीने से कक्षाओं में नहीं आ रहा था, तो संस्थान ने परिवार को इसकी सूचना क्यों नहीं दी? उन्होंने पूछा कि क्या कॉलेज प्रशासन ने राहुल को किसी डॉक्टर को दिखाया था या उसकी मानसिक स्थिति को लेकर कोई मदद दी थी? परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें अंधेरे में रखा गया और राहुल की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
परिवार ने बताया कि राहुल के तेलंगाना के एक अन्य छात्र कतरावथ अखिल से गहरी दोस्ती थी। दोनों बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र थे और अक्सर साथ देखे जाते थे। अखिल पढ़ाई में राहुल की मदद करता था, लेकिन हाल के महीनों में राहुल सबसे दूर रहने लगा था। संस्थान के अनुसार, वह मानसिक रूप से तनाव में था, लेकिन परिवार इस दावे पर सवाल उठा रहा है कि आखिर प्रशासन ने इस बारे में पहले जानकारी क्यों नहीं दी।
राहुल का परिवार इस घटना के पीछे संस्थान की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहा है। उनका कहना है कि अगर सही समय पर राहुल की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई होती, तो शायद वह बच सकता था। परिवार अब प्रशासन से जवाब मांग रहा है कि आखिर राहुल की परेशानी को नजरअंदाज क्यों किया गया और क्यों कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।