प्रयागराज न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दमोह पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह खुद को हार्ट सर्जन बताकर मध्य प्रदेश के दमोह स्थित मिशन अस्पताल में इलाज कर रहा था। फरवरी में हुए इलाज के दौरान 7 मरीजों की मौत के बाद से वह फरार था। दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब 4 अप्रैल को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई सर्जरी और 7 मरीजों की मौत का जिक्र था। पुलिस जांच में सामने आया कि डॉ. नरेंद्र यादव, जो खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बता रहा था, असल में कोई डिग्रीधारी विशेषज्ञ नहीं था। मामले की भनक लगते ही वह अस्पताल से फरार हो गया था।
मृतकों में रहीसा बेग नाम की महिला भी शामिल हैं, जिनके बेटे ने बताया कि 12 फरवरी को उनकी मां को हार्ट अटैक आया था। जिला अस्पताल से मिशन अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉ. नरेंद्र ने बताया कि दो ब्लॉकेज हैं और एंजियोप्लास्टी करनी पड़ेगी। परिवार ने भोपाल ले जाने की बात कही, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मना कर 50 हजार रुपये जमा करवाए और 15 फरवरी को सर्जरी कर दी। सिर्फ आधे घंटे बाद उनकी मां की मौत हो गई और इलाज की रिपोर्ट भी नहीं दी गई।
एक और पीड़ित परिवार के सदस्य धर्मेंद्र ने बताया कि उनके पिता मंगल सिंह को सीने में दर्द होने पर अस्पताल ले जाया गया। फोन पर छोटे भाई ने बताया कि सर्जरी होनी है और वह आयुष्मान कार्ड लेकर आएं, लेकिन जब तक वह पहुंचे, सर्जरी हो चुकी थी। कुछ देर बाद उनके पिता की भी मौत हो गई। अब जब डॉक्टर के फर्जी होने की सच्चाई सामने आई है, पीड़ित परिवारों में आक्रोश है और न्याय की मांग की जा रही है।