मुंबई, 20 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- जजों की नियुक्ति में पसंद नापसंद की नीति ठीक नहीं है। ये अच्छे संकेत नहीं हैं। यह देश में गलत संदेश देता है। जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, जजों की नियुक्ति और तबादले भी सरकार अपनी पसंद नापसंद के मुताबिक कर रही है। हमने इसके लिए सरकार को पहले भी आगाह किया है।
तो वहीं, बेंच ने आगे कहा, अभी भी इलाहाबाद, दिल्ली, पंजाब और गुजरात हाईकोर्ट में जजों के तबादले की सिफारिश वाली फाइल सरकार ने लटका रखी है। गुजरात हाईकोर्ट में तो चार जजों के तबादले पेंडिंग हैं। इन पर सरकार ने अब तक कुछ भी नहीं किया। बेंच ने यह भी कहा, दोबारा भेजे गए नामों पर नियुक्ति नहीं करना परेशान करने वाला है। कॉलेजियम की सिफारिशों पर अमल करने के लिए और वक्त देते हुए बेंच ने कहा कि केंद्र इसका समाधान लेकर आए। 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से जजों की नियुक्ति को लेकर यह याचिका लगाई गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कॉलेजियम ने 11 जजों के ट्रांसफर की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी। इसमें से 5 जजों का तो ट्रांसफर हो गया, लेकिन 6 के अभी भी रुके हुए हैं। उनमें से चार गुजरात से हैं, एक दिल्ली से और एक इलाहाबाद से है। इसके अलावा 8 नियुक्तियों पर भी सरकार ने फैसला नहीं लिया है।