मुंबई, 26 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री अमित शाह के पत्र का जवाब दिया है। खड़गे ने लिखा कि अमित शाह जी, आपका 25 जुलाई का पत्र तथ्यों से उलट है। मणिपुर की स्थिति पर INDIA अलायंस की पार्टियां PM से मांग कर रही हैं कि वे संसद को संबोधित करें, ताकि इस पर चर्चा हो सके, लेकिन आपके पत्र की भावनाओं में और आपकी करनी में जमीन आसमान का फर्क है। सदन में आपकी सरकार का रवैया असंवेदनशील और मनमाना रहा है। खड़गे ने आगे कहा कि छोटी घटनाओं को बड़ा बनाकर सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। हम रोज बहस का नोटिस देते हैं, लेकिन सत्तापक्ष के लोग सदन की कार्यवाही नहीं चलने देते हैं। संसद की कार्यवाही को लेकर अब तक निराशा ही हाथ लगी है।
खड़गे ने लिखा कि लंबे समय तक सरकार चलाने के बाद हम जानते हैं कि इतिहास के पन्नों में पक्ष और विपक्ष दोनों का आचरण दर्ज होता है। हमारी जवाबदेही मौजूदा पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है। सत्र के दौरान रोज़ सरकार और विपक्ष का आचरण सदन के सामने रहता है आज भी रहेगा। आपकी कथनी और करनी में कितनी समानता रहेगी, यह विपक्ष समेत पूरा देश देखेगा। खड़गे ने ये भी कहा कि जिस दिन पीएम ने देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकी दल से जोड़ा, उसी दिन आपने भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा की। PM का विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है।
तो वहीं, बीते दिन PM मोदी की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। इसमें PM ने विपक्षी गठबंधन के नाम I.N.D.I.A पर कहा, जो लोग सत्ता चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं वो ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम रख रहे हैं। इनमें भी इंडिया आता है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में भी इंडिया नाम आता है, लेकिन लोग इससे गुमराह नहीं होंगे। दरअसल, शाह ने बीते दिन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर कहा था कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए विपक्ष को अनुकूल माहौल बनाना होगा।