मुंबई, 04 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में पेपरलीक करने वालों के खिलाफ गहलोत सरकार मौजूदा कानून को और कड़ा करने की तैयारी में है। सीएम अशोक गहलाेत ने पेपरलीक करने वालों को उम्रकैद की सजा करने का प्रावधान करने की घोषणा की है। इसके लिए विधानसभा के अगले सत्र में बिल लाया जाएगा। इसमे एंटी चीटिंग बिल में संशोधन करके उम्रकैद का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही सीएम ने RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया को सुधारने के लिए मैकैनिज्म बनाने की भी घोषणा की है। सीएम की इस घोषणा को पेपरलीक पर सचिन पायलट की मांगों को मानने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। इसे पायलट के साथ सुलह के फाॅर्मूले की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
आपको बता दें, सीएम गहलोत ने ट्वीट करके नकल करने वालों को उम्र कैद की सजा करने और भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार की घोषणा की। सीएम ने लिखा, राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि RPSC, DOP, RSSB और दूसरे हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें। पेपरलीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है।
दरअसल, पायलट ने 11 से 15 मई तक पेपरलीक और बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ अजमेर से जयपुर तक पैदल यात्रा की थी। जिसमे 15 मई को जयपुर में यात्रा खत्म करके सभा में पायलट ने सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। पायलट ने पेपरलीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देने , आरपीएससी को भंग करके पुनर्गठन करने और बीजेपी राज के करप्शन की जांच के लिए हाई पावर कमेटी बनाने की मांग की थी। अल्टीमेटम खत्म होने से पहले 29 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी की मौजूदगी में गहलोत पायलट की सुलह बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद पायलट ने आंदोलन तो नहीं किया, लेकिन युवाओं से जुड़ी मांगों को छोड़ने से इनकार कर दिया था।