मुंबई, 26 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लोकसभा में कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने नियमों के तहत 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय करेंगे। हालांकि विपक्ष नारेबाजी करते हुए PM मोदी की मौजूदगी की मांग करने लगे। इसके बाद लोकसभा 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक पारित हुआ। हालांकि विपक्ष के हंगामे के चलते कल (गुरूवार) तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, राज्यसभा में दोबारा कार्रवाई शुरू हुई। लेकिन विपक्षी सांसद लगातार वी वॉन्ट जस्टिस, PM मोदी जवाब दो के नारे लगाते रहे। बाद में इसे दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोपहर 2 बजे जब कार्रवाई शुरू हुई तो विपक्ष ने लगातार दूसरे दिन सदन से वॉकआउट कर दिया। हालांकि, सदन में कुछ विधेयक पास होने के बाद कार्रवाई 27 जुलाई तक स्थगित कर दी गई।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, पहले वे चर्चा चाहते थे। जब हम तैयार हुए, तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। अब वे नया मुद्दा लेकर आए कि पीएम आकर चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है ये सभी बहाने हैं। शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, अगर पीएम को संसद में लाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हम इस देश की बहुत बड़ी सेवा करेंगे। राजद सांसद मनोज झा ने कहा हम जानते हैं कि संख्याएं हमारे पक्ष में नहीं, लेकिन लोकतंत्र सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है। शायद अविश्वास प्रस्ताव के बहाने उन्हें कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सकता है। यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। आपको बता दें, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भविष्यवाणी पीएम मोदी ने 5 साल पहले ही कर दी थी। दरअसल, 2018 में जब संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तब लोकसभा में जवाब देते हुए PM मोदी ने कहा था, मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि आपको 2023 में फिर से अविश्वास लाने का मौका मिले।