बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों के बंटवारे को लेकर उपजा विवाद अब गंभीर मोड़ लेता दिख रहा है। गठबंधन के प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की स्पष्ट नाराजगी ने बिहार NDA की एकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीती रात, गठबंधन के शीर्ष नेताओं के घंटों तक चले मान-मनौवल के प्रयास भी विफल रहे, जिसके बाद कुशवाहा ने सीधे तौर पर गठबंधन में संभावित 'टूट' के संकेत दिए हैं।
मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात, पटना में बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सुबह 4 बजे तक कुशवाहा को मनाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। राय बिना मीडिया से बात किए कुशवाहा के आवास से निकल गए, जबकि कुशवाहा ने मीडिया के सामने आकर अपनी असंतुष्टि खुलकर जाहिर की।
आरएलएम प्रमुख ने सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए कहा, "नाराजगी की बात नहीं है। मैं यही कह सकता हूं कि इस समय NDA में कुछ भी ठीक नहीं है।" उन्होंने अपने भविष्य के कदम को लेकर पूछे गए सवालों पर कहा कि क्या हुआ है, यह उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जो उनसे बातचीत करने आए थे, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि वह वर्तमान स्थिति से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।
दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात
इस गंभीर स्थिति के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले को अपने हाथ में लिया है। कुशवाहा ने पुष्टि की कि उन्हें आज दिल्ली बुलाया गया है और वह नित्यानंद राय के साथ राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होंगे। इस अचानक बुलावा के कारण, राष्ट्रीय लोक मोर्चा की पटना स्थित कैंप कार्यालय में दोपहर 12:30 बजे होने वाली महत्वपूर्ण बैठक तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई है। अब सभी की निगाहें दिल्ली में होने वाली इस हाई-लेवल मीटिंग पर टिकी हैं कि क्या अमित शाह कुशवाहा की नाराजगी दूर कर पाएंगे।
यह विवाद ऐसे समय में गहराया है जब NDA ने हाल ही में सीट बंटवारे का ऐलान किया था। जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 101-101 सीटें मिली थीं, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें आवंटित की गई थीं। उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को केवल 6-6 सीटें मिली थीं।
कुशवाहा की नाराजगी का मुख्य कारण
सूत्रों के अनुसार, कुशवाहा की नाराजगी का एक बड़ा कारण यह है कि उनकी पसंदीदा महुआ विधानसभा सीट, चिराग पासवान की पार्टी के खाते में चली गई है। कुशवाहा ने गठबंधन से 24 सीटों की मांग की थी, लेकिन उन्हें मिली केवल 6 सीटें। इसी तरह, मांझी ने भी 15 सीटों की मांग के बावजूद केवल 6 सीटों के आवंटन पर असंतोष व्यक्त किया है।
सीट बंटवारे के ऐलान के बाद, चिराग पासवान और नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरें पहले ही आ चुकी हैं, और अब उपेंद्र कुशवाहा का विरोध NDA के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर रहा है। रात भर चले सियासी ड्रामे में धर्मेंद्र प्रधान, सम्राट चौधरी, नितिन नवीन और ऋतुराज सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल थे, लेकिन वे कुशवाहा को मनाने में नाकाम रहे। बिहार की राजनीति में अब यह देखना बाकी है कि दिल्ली में होने वाली बैठक क्या रंग लाती है और क्या कुशवाहा NDA के साथ बने रहेंगे या गठबंधन में कोई बड़ा उलटफेर होगा।