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बम निरोधक दस्ता कैसे करता है काम? किन उपकरणों से लैस होती टीम, 3 पॉइंट में समझें

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Posted On:Friday, September 12, 2025

आजकल स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, हाई कोर्ट, स्टेडियम, एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक और संवेदनशील स्थानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलना आम बात हो गई है। इस तरह की धमकियां मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सक्रिय हो जाती हैं। पुलिस के साथ-साथ बम निरोधक दस्ते (Bomb Disposal Squad) और डॉग स्क्वाड को बुलाया जाता है, जो उस परिसर की पूरी जांच-पड़ताल करते हैं।

बम निरोधक दस्ते का कार्य

बम निरोधक दस्ते का मुख्य काम है संभावित विस्फोटक पदार्थों को पहचानना और उन्हें सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय करना। यह दस्ते न केवल आतंकवादी हमलों से जुड़ी घटनाओं में सक्रिय रहते हैं, बल्कि नेशनल या इंटरनेशनल इवेंट्स, वीआईपी विजिट्स के दौरान भी सुरक्षा व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा होते हैं।

यह टीम संदिग्ध वस्तुओं, पैकेटों या वाहनों में छिपे बमों का पता लगाने के लिए विशेष उपकरणों और प्रशिक्षित कुत्तों का इस्तेमाल करती है। खोजी कुत्ते अपनी सूंघने की क्षमता से विस्फोटक पदार्थों को आसानी से पहचान लेते हैं।

बम डिटेक्ट करने के उपकरण

बम निरोधक दस्ते के पास कई उच्च तकनीकी उपकरण होते हैं जिनसे वे विस्फोटक पदार्थों का पता लगाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख उपकरण हैं:

  • माइन स्वीपर: ज़मीन में दबे हुए विस्फोटकों को खोजने के लिए।

  • इलेक्ट्रॉनिक स्टेथोस्कोप: बम के अंदर की आवाज़ सुनने के लिए।

  • मेटल डिटेक्टर: छुपे हुए धातु के उपकरणों का पता लगाने के लिए।

  • टेलीस्कोपिक प्रोडर: संदिग्ध वस्तु की जांच के लिए लंबी छड़ी।

  • अंडर-व्हीकल सर्च मिरर: वाहनों के नीचे छुपे विस्फोटक खोजने के लिए।

  • फाइबर ऑप्टिक स्कोप: तंग जगहों के अंदर देखने के लिए।

  • ड्रैगन लाइट और हेडलैंप युक्त हेलमेट: अंधेरे में काम करने के लिए।

बम निरोधक सूट और सुरक्षा

बम निरोधक दस्ते के सदस्य विशेष बम सूट पहनते हैं जो विस्फोट की संभावना से उन्हें सुरक्षित रखता है। इस सूट में मोटे और विशेष प्रकार के सामग्रियां होती हैं जो धमाके के प्रभाव को कम करती हैं। दस्ते के सदस्यों को बम को डिटेक्ट करने के साथ-साथ उसे डिफ्यूज यानी निष्क्रिय करने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह प्रक्रिया बेहद सख्त होती है क्योंकि इसमें किसी भी तरह की गलती भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

प्रक्रिया और सावधानियां

जब भी किसी स्थान पर बम धमकी मिलती है, तो सबसे पहले उस जगह को खाली कराया जाता है। फिर बम निरोधक दस्ते परिसर में प्रवेश करता है और पूरी जगह की जांच करता है। डॉग स्क्वाड संदिग्ध वस्तुओं को सूंघकर खोजते हैं। यदि कोई विस्फोटक मिलता है तो दस्ते के विशेषज्ञ उसे सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज करते हैं या फिर नियंत्रित विस्फोट करते हैं ताकि कोई नुकसान न हो।

सुरक्षा में बढ़ती चुनौतियां

बम धमकियों की बढ़ती संख्या ने सुरक्षा एजेंसियों के काम को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इसके बावजूद, तकनीकी उन्नति और प्रशिक्षित कर्मियों के कारण इन धमकियों को नाकाम करने की कोशिश जारी रहती है।


निष्कर्ष:

बम निरोधक दस्ते का काम न केवल जोखिम भरा है बल्कि देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। उनके पास अत्याधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण है जो उन्हें किसी भी संभावित खतरे से निपटने में सक्षम बनाता है। ऐसे दस्ते की तत्परता और कुशलता से ही हम सुरक्षित रह पाते हैं। इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर बम धमकी मिलते ही तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करना और सहयोग करना जरूरी है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।


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