बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ईद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लिए "सौगात-ए-मोदी" राशन किट बांटने के फैसले पर राजनीतिक घमासान मच गया है। इस फैसले को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) और मुस्लिम लीग ने सवाल उठाए हैं।
सपा नेता एसटी हसन का बीजेपी पर हमला
मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस योजना को बीजेपी की चुनावी राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा,
"मोदी जी को अचानक मुसलमानों की याद कैसे आ गई? यह हैरानी की बात है। बिहार में कुछ महीनों में चुनाव होने हैं, और नीतीश कुमार की हालत बहुत खराब है। मुसलमान उनसे दूर होते जा रहे हैं, क्योंकि वे एनडीए को समर्थन देते हैं। इसीलिए बीजेपी को मजबूत करने के लिए यह योजना शुरू की गई है।"
बीजेपी पर हिंदू-मुस्लिम राजनीति का आरोप
एसटी हसन ने आगे कहा,
"बीजेपी हर जगह हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है। देश में मुसलमान परेशान हैं, उनके हिजाब, अजान, मस्जिदों और मजारों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। यह सब सिर्फ चुनावी राजनीति का हिस्सा है, क्योंकि नीतीश कुमार चुनाव जीतने के लिए यह सब कर रहे हैं।"
मुस्लिम लीग ने भी उठाए सवाल
मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कौसर हायत खां ने भी इस योजना की आलोचना की। उन्होंने कहा,"सबका साथ, सबका विकास सिर्फ एक जुमला बनकर रह गया है। देश में अल्पसंख्यकों की हालत देखकर नहीं लगता कि सबका विकास हो रहा है। कानून सभी के लिए समान रूप से लागू क्यों नहीं हो रहा? सरकारें कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी हैं और दूसरों को पीछे कर रही हैं।"
देश विकास से दूर, इतिहास में उलझा
कौसर हायत खां ने भारत की मौजूदा स्थिति पर तंज कसते हुए कहा,"आज पूरी दुनिया स्पेस टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक खोजों में आगे बढ़ रही है। सुनीता विलियम्स 9 महीने तक फंसी रहने के बाद स्पेस शटल से सुरक्षित लौट आईं, लेकिन भारत में आज भी लोग औरंगजेब, राणा सांगा और गाजी की बात कर रहे हैं। हम इतिहास में उलझे रह गए हैं, जबकि दुनिया आगे बढ़ रही है।"
निष्कर्ष
बिहार में "सौगात-ए-मोदी" राशन किट योजना को लेकर विपक्ष ने चुनावी राजनीति का आरोप लगाया है। सपा और मुस्लिम लीग के नेताओं का कहना है कि यह योजना सिर्फ चुनावी फायदे के लिए लाई गई है, ताकि मुस्लिम वोटों को साधा जा सके। वहीं, सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति और कितना गर्माती है।